Fastest Way to Stop Overthinking | ज्यादा सोचना छोड़ो – 6 Practical Tips

How to Stop Overthinking?

तिब्बत के एक गांव में एक आश्रम था, जिसमें एक monk रहा करता था। एक बार एक लड़का उस monk के पास आया और बोला।
गुरुजी, मै अपनी ज्यादा सोचने की आदत से बहुत परेशान हूं, मै दिन भर बस कल्पनाएं करता रहता हूं और past और future के बारे में सोचता रहता हूं। कृपया मेरी समस्या का समाधान करें।

गुरुजी मुस्कुराए और बोले “ठीक है, मै तुम्हारी समस्या का समाधान अवश्य करूंगा पर मेरी एक शर्त है।”
उस लड़के ने कहा “मैं हर शर्त मानने को तैयार हूं, क्या शर्त है आपकी?”
गुरुजी बोले “मेरे पास एक खेत है अगर तुम दिन रात मेहनत करके उसमे अच्छी फसल उगाते हो तभी मैं तुम्हारी समस्या का समाधान करूंगा।”

उस लड़के ने गुरुजी की शर्त मान ली और अब उसने दिन रात खेत में काम करना शुरू कर दिया। सबसे पहले उसने हल से खेत को जोता, फसल के बीज बोए, खेत में पानी लगाया और वो बस खेत में अच्छी फसल कैसे उगे, इसको अपना लक्ष्य बनाकर दिन रात काम करने लगा, वो इस काम में इतना ध्यान दे रहा था कि एक समय के लिए वो अपनी समस्या और वो आश्रम किस लिए आया था, ये सब भूल गया।

उस लड़के की मेहनत रंग लाई, खेत में बहुत अच्छी फसल हुई। वो लड़का ये सब बताने monk के पास पहुंचा और उनसे बोला “आपके खेत में बहुत अच्छी फसल हुई है, मैंने आपकी शर्त पूरी करी, अब आप मेरी समस्या का समाधान बताए।”

वो monk मुस्कुराते हुए बोला “बेटा, क्या तुम अबतक नहीं जान पाए , तुम्हारी समस्या का समाधान तो मैंने तुम्हे बता दिया।

वो लड़का बोला “पर, कब?”
Monk ने जवाब दिया “तुम जब उस खेत में जी जान से काम कर रहे थे, दिन रात मेहनत कर रहे थे, तुमने अच्छी फसल को अपना लक्ष्य बना लिया था, क्या तब तुम्हें विचारो ने परेशान किया, क्या तब तुम्हें तुम्हारे mind ने परेशान किया?”

वो लड़का बोला “जी नहीं, बल्कि मै तो काम करके अच्छा महसूस कर रहा था और विचारो पर मेरा ध्यान ही नही गया”
Monk ने जवाब दिया “तुमने ठीक कहा, विचार परेशान उसी को करते हैं, जिसके जीवन में सोचने के अलावा कुछ दूसरा महत्वूर्ण काम है ही नहीं। दूसरी ओर जो व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए काम करने में व्यस्त रहता है, उसके लिए फालतू के विचारो का कोई महत्व नहीं होता।”

This is one of the solutions of overthinking – GET BUSY IN SOMETHING YOU LIKE. आज बात करेंगे ऐसे ही कुछ overthinking के practical solutions की।

‘Overthinking’ एक ऐसी problem जिससे दुनिया का लगभग हर आदमी परेशान है।

आज की इस वीडियो में जानेंगे कि overthinking क्या है, इसके पीछे क्या reasons होते हैं और overthinking को कैसे रोका जाए।

What is Overthinking?

Thinking हमारी one of the most basic capabilities में से एक है। कोई भी decision लेना हो, किसी भी इंसान को परखना हो, future के लिए planning करनी हो, past से seekhna हो, ये सब काम हम कैसे कर पाते हैं – अपनी thinking के बल पर, है ना?

और यही thinking जब हद के बाहर हो जाती है, उसे overthinking कहते हैं। गलत decision ना ले लो, इसके डर से एक छोटे से decision को लेने में भी महीनों लगाना, दूसरे लोगों को जानने की बजाय उन्हें हमेशा judge करते रहना।

In short, uncontrollable thinking Is over thinking

अब किसी भी problem का solution करने से पहले उसको अच्छे से जानना जरूरी है, तो पहले जानते है overthinking के कुछ reasons के बारे में:-

1) जो होने वाला है उसकी ज्यादा चिंता करना (Worries of future)

कल किसने देखा है, इसलिए कल के बारे में ज्यादा सोचना बेकार है। आप आज जो actions लोगे वहीं आपके कल को decide करेंगे। फिर भी कुछ लोग भविष्य की अच्छी/बुरी कल्पनाओं में ही फसे रहते हैं और ये overthinking का एक main reason है।

2) जो हो चुका है, उसके बारे में सोचना (past & trauma)

जो आपके साथ हो चुका है, उसको बदलना possible नहीं है। Past is dead, इसीलिए पुराने जख्मों को कुरेदना आपको बस तकलीफ ही पहुचायेगा। Past में जो गलतियां हो गई आपसे, उनसे सीख कर जीवन को आप आज कैसे बेहतर कर सकते हो, ये सोचने की बात है।

3) लोग क्या सोचेंगे (What others think of us)

सबसे बड़ा रोग, क्या कहेंगे लोग। अगर चार लोगो के सामने आप फिसल के गिर पड़ते हो तो इसमें परेशान होने की क्या बात है। छोटी मोटी गलतियां सबसे होती हैं, no one is perfect. और जो उन गलतियां को सुधारने की कोशिश करे वही एक सच्चा human है। लोग क्या सोचते हैं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ना चाहिए वरना आप जीवन भर लोगो की उंगलियों पर ही नाचते रहोगे।

Practical Ways to Stop Overthinking

जब एक बार आपको अपनी problem अच्छे से पता चल जाती है, इसके बाद आप उसको इन practical ways से solve कर सकते हो।

1) Keep in mind that you have limited time

एक दिन हम सबको मरना है, ये बात सबको पता है फिर भी इस बात को कोई याद नहीं रखता। हमारे पास जो समय है वो बहुत ही limited है। एक research के मुताबिक, India की average life expectancy सिर्फ 70 years है, जिसमें से 20 साल तो school/college में ही निकल जाते हैं।

20 साल इंसान नींद में गुजार देता है, 10 साल entertainment (TV, social media) में निकाल देता है, बाकी के 10 -15 साल काम करने में, इसमें खुद के लिए समय है ही कितना? और जितना है भी अगर आप उसमे भी future और past का ही सोचोगे तो जीने में मतलब ही क्या रह जाएगा। Present में रहना सीखो क्योंकि वही है जो आपके 100% control में है। past और future की imagination करते रहने से आप बस खुद को और दुखी करेंगे।

महान Philosopher Seneca कहते हैं:-

“We suffer more in imagination than in reality”
~ Seneca

जिसका मतलब है कि हम अपनी कल्पनाओं में ज्यादा तकलीफ झेलते हैं, जितनी असलियत में नहीं झेलते।

जिन बातों के लिए हम stress लेते हैं कि कहीं ऐसा हो गया तो क्या होगा, अक्सर वैसा कुछ नहीं होता और हम बेवजह अपना दिमाग खराब करते हैं।

अगर आप इस बात को mind में feed रखोगे तो overthinking करना आपको एकदम बेकार चीज लगेगी। क्योंकि हमारे पास वैसे ही limited time है, क्यों ना उसको एक बेहतर इंसान बनने में लगाऊं? क्यों ना जिंदगी को बिना डरे, experience करूं। ऐसा सोचना शुरू करो overthinking फिर आपको एक छोटी चीज लगेगी।

2) Focus on what you can control and act on it

भगवद गीता में श्री कृष्ण ने कहा है

अपना कर्म करो लेकिन इसके फल की चिन्ता न करो,
तुम्हारे कर्म का फल तुम्हारे सुख के लिए नहीं है अर्थात तुम अपने कर्मों के फल के भोक्ता नहीं हो
यहाँ तक कि कर्म करते समय कर्ता होने का अहंकार न करो, कर्म न करने से बचो।

एक ऑफिस में दो लोग काम करते थे सुमित और प्रदीप, एक बार उनके boss ने उन्हें एक project के लिए presentation तैयार करने को कहा और वो बोले “जिसकी presentation अच्छी होगी, उसको ही promotion मिलेगा।

अब उन दोनों में से सुमित परेशान हो गया और presentation में अपना focus लगने की जगह वो ये सोचने लग गया कि अगर मेरी presentation खराब हो गई तो क्या होगा? अगर इस बार भी promotion नहीं हुआ तो मै ऑफिस में क्या मुंह दिखाऊंगा।

वहीं प्रदीप जानता था कि मेरे हाथ में सिर्फ काम करना है। तो वो पूरी energy और focus के साथ आपने काम में लग गया और पूरे मन से presentation तैयार करने लगा।

अब बताइए आखिर में कौन अच्छा perform करेगा? जाहिर सी बात है प्रदीप, क्योंकि उसने कर्म करने पे ध्यान दिया, उसने इस बात पे ध्यान दिया कि उसके control में क्या है। जबकि सुमित बस विचारो में उलझ के रह गया और future से डरता रहा।

English में एक कहावत है
“Do your best and leave the rest”

अगर आप सिर्फ इस एक बात को भी follow करोगे तब भी आपकी 90% problems ठीक हो जाएंगी।

3) Keep in mind that your emotions are temporary like seasons

जब आप exercise करते हो, आपको दर्द होता है, आपके muscle fiber टूटते हैं, ताकि वो और मजबूत और बड़े बन सकें। इसका मतलब है कि everything happens for a reason and emotions are temporary.

हमे जो भी pleasures और pain feel होते हैं, वो हमारे senses के जरिए feel होते हैं। और ये बस कुछ समय में बदलते रहते हैं, जैसे मौसम बदलते हैं, गर्मी जाती है और ठंड का मौसम आता है, उसी प्रकार हमारे emotions भी change होते रहते हैं। इसलिए इनसे परेशान हुए बिना, इन्हे सहन करना सीखो।

4) Reduce your screen time

ये overthinking जैसी problems को इतना बढ़ाने में social media का एक बहुत बड़ा हाथ है।

दिन भर दूसरे क्या कर रहे हैं ये देखना, किसके पास कितना बड़ी गाड़ी है, किसको कितने likes मिले, किसके कितने followers हैं, ये सब सोच के आजकल बहुत से लोग depress हो जाते हैं और फिर वो इन बेकार की चीज़ों के बारे में overthink करते हैं जिनका उनकी life से कोई मतलब नहीं है।

ये बात याद रखो , की लोग अपनी जिंदगी का सिर्फ बेस्ट बेस्ट पार्ट ही social media पर डालते हैं और उससे ये पता नहीं चलता कि क्या वो real life में भी ऐसे ही हैं?

Napoleon bonaparte, जो कि एक फ्रेंच सिपाही था, जिसने 19वी शताब्दी तक आधे से ज्यादा यूरोप जीत लिया था, उसने अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में ये बात कही कि “मैंने अपनी जिंदगी में कोई 7 दिन भी शांति और सुख से नहीं बिताए।”

और Helen keller जो कि एक american author थी, और वो (बहरी) और (अंधी) थी उन्होंने कहा था कि “जिंदगी बहुत अच्छी और खूबसूरत है।”

तो इससे पता चलता है कि जिंदगी आपके outer world से ज्यादा आपके inner world, आपके mindset से decide होती है। जैसा आप सोचते हो , वैसे ही आप बनते चले जाते हो।

इसलिए दूसरों से खुद को compare करना छोड़ो और आप खुद को कल से बेहतर कैसे बना सकते हो इसपर विचार करो और काम करो।

Social media का एक और disadvantage ये है कि वो आपका बहुत समय खा जाता है, जिसके कारण आपके पास अपने लिए कुछ meaningful करने का समय नहीं बचता।

जब कभी आपके पास समय हो, तो थोड़ी देर nature के बीच में गुजारो, ना कि social media apps में, आप खुद फर्क महसूस करोगे ।

5) To Master the mind, master your five senses

श्री कृष्ण भगवद गीता में बताते हैं कि जो आप देखते हो, जो आप सुनते हो, जो आप बोलते हो, जैसा आप खाते हो, जहां आप रहते हो, जैसे लोगो से आप मिलते जुलते हो,
in short जिस तरह की information से आप अपने mind को load करते हो, आपका mind भी उसी information को process करता है और इसलिए उसी प्रकार के विचार आपके मन में बार बार आते है।

For example, आपने news में देखा कि india और pakistan के बीच cricket match होने वाला है, तो अभी आप कम से कम अगले 10-15 मिनट तक उसी बारे में सोचोगे, हैंना?

तो इन बातों का खास खयाल रखो कि आप कैसा खाना खा रहे हो, कैसे content consume कर रहे हो, आपके आस पास के लोग किस तरह के है, इन outer conditions को control करके भी आप overthinking को बहुत हद तक ख़तम कर सकते हो।

6) Do not try to avoid negative thoughts, accept them

अगर मै आपको बोलता हूं, की अभी बंदर के बारे में मत सोचना तो सबसे पहले आप किसके बारे में सोचोगे?
बंदर के बारे में, right?

ठीक इसी तरह जब आप खुद को ये बोलते हो कि do not think negative तो आप negative thoughts को और बढ़ावा दे रहे होते हो।

अगर कोई विचार आपको बार बार परेशान कर रहा है तो उससे भागने कि जगह, उसको accept कर लो। इस तरह आप अपने आप को उन thoughts से ज्यादा powerful बना पायोगेे।

मान लो past में आपसे कोई गलती हो गई है और अब आप बार बार पछतावा करते हो और उस गलती के खयाल आने पर परेशान हो जाते हो और mind को distract करने का कोशिश करते हो, तो इससे आपकी overthinking और बढ़ेगी।

वही दूसरी तरफ अगर आप मानते हो कि हा आपसे गलती हुई थी और आप उसको accept करके जिंदगी में आगे बढ़ जाते हो तो इससे आपके mind को बहुत relief मिलता है और वो बार बार उस चीज के बारे में नहीं सोचता।

अगर मुझे इस Article को short में summarize करना हो तो मै कहूंगा कि overthinking का main reason है present moment में ना जीना और past & future के बारे में सोचते रहना।

और उसका simple solution भी यही है की आप present moment में जियो ,

तो ये थे overthinking के कुछ practical solutions.

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