5 Life Changing Lessons of APJ Abdul Kalam in Hindi

APJ Abdul kalam, एक ऐसे महान scientist, teacher और leader जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी देश के नाम कर दी।

अब्दुल कलाम शायद एक मात्र ऐसा नाम हैं, जिसे हर धर्म, जाति और हर उम्र का इंसान respect करता है।
अपने 83 साल की शानदार जिंदगी में APJ Abdul Kalam ने दुनिया को बहुत से life lessons दिए, आज हम उन्ही life lessons में से कुछ खास lessons को discuss करेंगे।

Lesson 1) You Should Have A Great Aim

अब्दुल कलाम भले ही एक छोटे से गांव में पैदा हुए थे, पर उनके सपने बहुत बड़े थे। वो शुरू से ही देश के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे।

अपने एक quote में वो कहते भी है की “You have to dream before your dreams can come true.” यानि, इससे पहले की आपके सपने पूरे हो, आपको सपने देखने भी होंगे।

अब्दुल कलाम अक्सर अपनी speeches में students को बड़ा सोचने के लिए inspire करते थे।

वो कहते थे “those who dare to imagine the impossible are the once who break all the human limitations”

Abdul Kalam ने कभी भी छोटा नही सोचा, उन्होंने उस time के सबसे अच्छे technology institute, MIT यानी madras institute of technology से aerospace engineering की education ली।

इसके बाद उन्होंने DRDO join किया।

अब्दुल कलाम के talent को देखते हुए NASA वालो ने उनको वहीं America में काम करने और settle होने का एक offer भी दिया था, पर अब्दुल कलाम अपने देश भारत के लिए कुछ करना चाहते थे, उन्हे पैसे और आराम का कोई लालच नही था।

इसके बाद अब्दुल कलाम भारत वापिस आ गए। और जब यहां इन्होने काम शुरू किया तो उनके पास काम करने के लिए कोई office तक नही था।

अब्दुल कलाम और उनकी team, beach के पास बने एक church से अपना सारा काम करते थे, उन्होंने वही beach पे ही अपना rocket launcher और बाकी सब machines लगाया हुआ था।

हालत इतनी खराब थी कि rocket का आना जाना cycle और बैलगाड़ी पर होता था। भारत की पहली missile का launch भी वही हुआ था और उस missile को भी cycle पर रख कर लाया गया था, उसकी photos आज भी available है।

इन सब problems के बावजूद भी अब्दुल कलाम और उनकी टीम रुकी नहीं। और SLV – 3 और PSLV जैसे बड़े projects को पूरा करके दिखाया।

SLV – 3 को जब पहली बार launch किया गया तो वो fail हो गया था, इसके बाद अब्दुल कलाम पर बहुत उंगलियां उठी थी, हालाकि उसके एक साल के अंदर अंदर ही उन्होंने और ज्यादा मेहनत करके उस project को पूरा कर दिया।

हालाकि, इसके बाद भी अब्दुल कलाम satisfied नही थे, क्योंकि उस time पर सभी पड़ोसी देश जैसे चीन, पाकिस्तान भी बहुत ज्यादा missiles को बना रहे थे।

इसीलिए उन्होंने पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल, नाग और अग्नि जैसी बेहतरीन missiles को भी बनाया ताकि भारत को मजबूती मिले और बाकी देशों को ये बताया जा सके की भारत में कितना दम है?

इसके बाद उन्होंने pokhran के nuclear project में भी अपना बहुत बड़ा योगदान दिया जिसकी वजह से आज हम भी nuclear power में गिने जाते हैं।

40 साल निरंतर देश की सेवा करने के बाद जब 1999 में उन्होंने retirement लिया तो भी वो रुके नहीं, अब्दुल कलाम को teaching का बहुत शौक था, इसीलिए वो annamalai university चले गए ताकि बच्चो को पढ़ा सकें और अपना teaching career शुरू कर सके।

इसके बाद 2002 में श्री अटल बिहारी बाजपाई ने उनको फोन किया, और कहा “कलाम जी, थोड़े ही time में president की position के लिए elections होने वाले हैं और हमारी पार्टी आपका नाम उसके लिए recommend करना चाहती है।”

तो कुछ time सोचने के बाद अब्दुल कलाम जी president के election में participate करने के लिए तैयार हो गए। अब जाहिर सी बात है, हर कोई उनके किए गए कामों और देश के लिए उनके 40 साल की मेहनत के बारे में जानता था, इसलिए वो president के elections में जीत गए।

लोग उन्हें इतना respect करते थे कि हर कोई चाहता था की अब्दुल कलाम ही देश के president बने।
इसीलिए आज उनको people’s president भी कहा जाता है।

2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति की तरह काम किया। इतने बड़े पद पर होने के बावजूद भी वो बिलकुल सादा जीवन जीते थे।

उनके पास कोई बड़ी निजी संपत्ति तक नही थी। बस rameshwaram में उनका अपना एक घर था जो उनके पिता जी ने बनवाया था। उनकी 2400 किताबे थी, 6 shirts, 4 pants और 1 जोड़ी जूते।

सादा जीवन, उच्च विचार की मानसिकता रखने वाले व्यक्ति थे अब्दुल कलाम।

अक्सर कहा करते थे की छोटा लक्ष्य रखना पाप के समान है, इंसान को हमेशा कुछ बड़ा करने का सोचना चाहिए। उसको कुछ ऐसा करना चाहिए की दुनिया उसके जाने के बाद भी उस इंसान को याद करे।

इसके बाद उनका दूसरा life lesson है

2) You should Continuously acquire knowledge

अब्दुल कलाम मानते थे की success के लिए बेहद जरुरी है, अपनी field की अच्छी knowledge होना। यानि जिस भी field में आप success पाना चाहते हो चाहे वो politics हो, business हो, या कोई sports. आपको उस चीज के बारे में लगातार knowledge हासिल करनी होगी।

आपको लगातार सीखना होगा, चाहे वो आप किताबो से सीखो, अपने खुद के experience से सीखो, या चाहे किसी Mentor से, पर आपको लगातार सीखते रहना होगा।

APJ abdul कलाम अपनी education पर बहुत ध्यान देते थे, उनकी library में 2400 से ज्यादा किताबे थी।

एक बार की बात है वो छोटे थे, तब उनके गांव में maths के एक बहुत ही अच्छे teacher हुआ करते थे, वो teacher maths बहुत ही अच्छी तरह से पढ़ाते थे, पर उनका एक नियम था।

नियम ये था की जिस भी बच्चे को उनसे maths सीखनी होती थी, उसको सुबह 4 बजे उनके पास पढ़ने आना पड़ता था, वो भी नहा धोकर। फिर भी अब्दुल कलाम के अंदर शिक्षा का इतना जुनून था की वो सुबह उठकर नहा धो कर, उन टीचर के पास maths पढ़ने जाया करते थे फिर चाहे सर्दी हो या बरसात।

अब्दुल कलाम अक्सर कई schools में जाया करते थे ताकि वो बच्चो को सही guidance और knowledge दे सके।

अब knowledge का मतलब ये नही है की आप दुनिया भर की चीजों के बारे में पढ़ना शुरू करदो। आपको बस अपनी field से related knowledge को लगातार बढ़ाते रहना है।

क्योंकि जब आपको proper knowledge होगी की जो goals आपने अपने लिए set किए है, उनको कैसे achieve करना है, तभी आप उनपर काम कर पयोगे।

For example, आपने decide किया की आपको politics में enter करना है लेकिन आपको ये knowledge ही नही है लोगो से किस तरह से बात की जाए, कैसे बड़े politicians से connections बनाए जाए, कैसे लोक सभा में शामिल हुआ जाए ; तो आप politics में कैसे grow करोगे? इसीलिए जो भी काम करने जा रहे हो पहले उसकी proper knowledge रखो।

3) You Should Work Hard

ये point सबसे important है, क्योंकि बहुत से लोग बड़े बड़े सपने सजा लेते हैं, उससे related सारी information और knowledge भी जुटा लेते हैं, Internet से, लोगों से; पर… जब बात आती है मेहनत करने की, अपने उन goals पे काम करने की, तब बहुत से लोग पीछे हट जाते हैं।

इसलिए आपको आज बहुत से लोग ऐसे मिलेंगे जिनको पता सब कुछ हैं की कैसे वो अपनी life को बेहतर बना सकते हैं? पर वो खुद कुछ करते नही।

हालांकि, अब्दुल कलाम ऐसे नही थे। वो बहुत मेहनती इंसान थे। उन्होंने अपने 5 साल के राष्ट्रपति कार्यकाल में सिर्फ 2 दिन ही छुट्टी ली। पहली छुट्टी अपने पिता के निधन पर और दूसरी छुट्टी तब ली जब उनकी मां का देहांत हुआ था।

इससे पहले जब वो DRDO में काम करते थे, तब एक बार उनके परिवार ने उनकी सगाई एक लड़की से तय करदी थी। तो अब्दुल कलाम की मां ने उनको बताया था की हमने तुम्हारी सगाई तय कर दी है, और तुम सगाई वाले दिन अपने काम से छुट्टी लेकर जल्दी आ जाना।

जब सगाई वाला दिन आया तो लड़की वाले इनके घर आए, और उस time अब्दुल कलाम अपने office में थे, उस time पर वे SLV-3 और PSLV जैसे projects में बहुत busy थे। तो वो अपनी सगाई में गए ही नही और लड़की वाले उनके घर पर उनका इंतजार ही करते रह गए 😄।

जहां ज्यादातर लोगो से दिन के 8 घंटे भी काम नहीं होता, वहीं अब्दुल कलाम दिन में 18 घंटे काम करते थे।

जब वो MIT में पढ़ाई करने के लिए गए थे तो इनकी fees के लिए इनकी बहन ने अपने गहने बेच कर इनको 1000 रुपए दिए थे। तो अब्दुल कलाम जब aerospace engineering की पढ़ाई करने पहुंचे, तो उनके professor ने सभी बच्चो को airplanes के design बनाने को बोला।

अब अब्दुल कलाम भी अपना design बना कर professor को दिखाने पहुंच गए, और जब professor को दिखाने पहुंचे तो professor गुस्सा हो गए, बोले “ये कैसा design बनाया है तुमने, ये तो बिलकुल बेकार है। कलाम, मुझे अगले तीन दिनों में एक अच्छा design बना कर दो, वरना तुम्हारी scholarship cancel हो जायेगी।

अब ये सुनकर अब्दुल कलाम थोड़े परेशान हो गए क्योंकि उनकी बहन ने गहने बेच कर उनको पढ़ने के पैसे दिए थे तो अगर ऐसे में उनको scholarship नही मिलती तो वो अपना देश के लिए कुछ करने का सपना कैसे पूरा कर पाते।

इसीलिए अगले तीन दिनों तक अब्दुल कलाम ने न कुछ खाया, ना सोए। तीन दिनों तक aircraft का design बनाने में लगे रहे। और दिन रात एक करने के बाद जब वो अपना design लेकर professor के पास पहुंचे, तो professor भी हैरान हो गया, क्योंकि इस बार कलाम ने बहुत ही अच्छा design बनाया था। तो इस तरह से अपनी मेहनत के बल पर ही अब्दुल कलाम इतने महान बन पाए।

इसीलिए अगर आपको अपनी life में कुछ करना है तो ये याद रखो की struggles तो आयेंगे। जितने बड़े आपके सपने होंगे उतने बड़े struggles और problems को आपको face करना होगा, पर आपकी यही मेहनत आपको एक दिन महान बनाएगी।

4) You should Persevere

Persevere का मतलब होता है अपने काम में लगे रहना चाहे फिर कितनी भी मुश्किलें क्यों न आए। Perseverance को हम persistence/discipline भी कह सकते हैं।

अब्दुल कलाम perseverence को success का बहुत ही crucial point बताते है।

उनकी ही जिंदगी की एक कहानी से इसको समझते हैं।

जब 1969 में अब्दुल कलाम को ISRO में transfer किया गया तो इनको SLV-3 project का director बनाया गया।

अब्दुल कलाम और उनकी team ने 10 साल जी जान से मेहनत की, इस बीच में अब्दुल कलाम ने हर दिन काम किया, उन्होंने कोई sunday, कोई छुट्टी नहीं ली।

और 10 साल बाद यानि, 1979 में भारत ने अपना पहला SLV-3 missile launch किया। इतने सालो की कड़ी मेहनत के बाद भी SLV-3 का पहला launch fail हो गया। Media वालो ने Abdul Kalam पर उंगलिया उठाई, क्योंकि वो ही इस project के director थे।

उस time ISRO के chairman Satish Dhawan ने Abdul kalam को support किया और देश के लोगो से ये वादा किया की Abdul Kalam और उनकी team, अगले 1 साल के अंदर इस प्रोजेक्ट को पूरा करके दिखाएगी।

और अब्दुल कलाम ने ऐसा करके दिखाया भी। अगले साल उन्होंने और उनकी team ने फिर जबरदस्त मेहनत की और इस बारी वो अपने failure से सीख चुके थे। इसलिए उन्होंने हर काम को बिल्कुल बारीकी से किया। और इस बार 1970 में भारत का दूसरा SLV-3 launch सफल हो गया।

इसके बाद अब्दुल कलाम की leadership में ही भारत ने अपना PSLV launch project भी पूरा कर लिया।

तो इस कहानी से ये सीखने मिलता है की जरूरी नहीं है की एक बार ताबड़तोड़ मेहनत करने के बाद आप सफल ही हो जायेगे। आप fail भी हो सकते हो… पर आपको उन failures को overcome करते हुए, कोशिश करते रहना है, क्योंकि मुश्किलों से डर कर बेड़ा पार नहीं होती और कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती।

Lesson no. 5: Be Humble

इतने successful और great होने के बावजूद भी अब्दुल कलाम एक humble और simple इंसान थे।

बात तब की है जब उन्हें president की position के लिए चुना गया था, तब उनका राज्य अभिषेक होना था। तो उनसे पूछा गया की आप अपने राज्य अभिषेक में किन किन लोगो को बुलाना चाहते हैं?

अब्दुल कलाम ने जवाब दिया “मेरे परिवार और बाकी सब को तो आप लोगो ने बुला ही लिया होगा पर मैं 2 और लोगो को बुलाना चाहता हूं – एक मोची जो मेरे मुश्किल समय में मेरी टूटी फूटी चप्पलो को जोड़ कर मेरी मदद करता था और एक ढाबेवाला जो कभी कभी मुझे एक दो रोटियां free में खिला देता था।

और उनके कहने पर उन दोनो को बुलाया भी गया। अपने राज्य अभिषेक में जो इंसान एक मोची और ढाबेवाले को बुला सकता है, आप खुद सोच सकते हो की उसके अंदर कितनी kindness और simplicity होगी।

ऐसी ही उनकी एक और कहानी बहुत popular है। एक बार की बात है जब अब्दुल कलाम राष्ट्रपति भवन के garden में टहल रहे थे, जो की वो अक्सर किया करते थे।

तो टहलते – टहलते अचानक उनकी नज़र एक मोर पर पड़ी, वो मोर अपना मुंह न खोल पा रहा था, ना बंद कर पा रहा था।

तो उन्होंने एक जानवरो के doctor को बुलवाया और उस मोर को देखने को बोला। जब उस doctor ने उस मोर का checkup किया तो उन्हे पता चला की इस मोर के गले में तो tumor है और इसीलिए ये अपना मुंह न खोल पा रहा है और न बंद कर पा रहा है।

इसके बाद अब्दुल कलाम ने उस मोर का पूरा इलाज करवाया और उसका tumor निकलवाया। इसके बाद उस मोर को फिर से उसी garden में छोड़ दिया गया। और अब वो मोर अपना मुंह खोल सकता था और बंद कर सकता था।

अब्दुल कलाम अपने फायदे से ज्यादा जरूरतमंद की मदद करने पर ध्यान देते थे और इसीलिए वो अक्सर कहा भी करते थे की एक इंसान होने के नाते हमें हर जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए।

तो दोस्तों ये तो थे अब्दुल कलाम के महान जीवन से कुछ inspiring कहानियां और उनके बताए हुए success और life lessons.

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