7 Life Changing Lessons of Ratan Tata in Hindi
अगर मैं पूछूं की भारत में किस business men को लोग सबसे ज्यादा मानते हैं, सबसे ज्यादा respect करते हैं, तो सबसे पहला नाम आएगा “रतन टाटा” जी का।
Tata company आज जिन बुलंदियों पर है, उसमे रतन टाटा का एक बहुत बड़ा contribution है। आज दुनिया के 100 देशों में tata group की 100 से ज्यादा companies काम कर रही हैं। ये सब हो पाया है श्री रतन टाटा जी की कड़ी मेहनत के बल पर।
आज की इस Article में मै रतन टाटा के जीवन से कुछ अनसुने किस्से और उनकी सफलता के secrets आप तक पहुंचाने की कोशिश करूंगा।
तो चलो शुरू करते हैं।
1). Man of words
आज के समय में लोग बातें तो बहुत बड़ी बड़ी करते हैं, की मैं ये करदूगा, मै वो business शुरू करूंगा, मै बहुत जल्द ही fit हो जायूंगा, कल मेरे पास इतनी बड़ी गाड़ी होगी; पर उनमें से कुछ लोग ही होते हैं जो ऐसा कर पाते हैं।
और आज के time में ऐसे लोगो का मिलना बहुत मुश्किल है जो लोग जो बोलते हैं वो करके दिखाते हैं फिर चाहे वो करना कितना भी मुश्किल क्यों न हो।
ऐसे ही है हमारे रतन टाटा जी।
एक बार जब रतन टाटा जी america गए हुए थे तो वहां इन्हे एक lady से प्यार हो गया।
इन्होंने उससे कहा की चलो शादी कर लेते हैं।
पर तभी रतन टाटा जी को भारत वापिस आना पड़ा क्योंकि इनकी दादी जी की तबियत अचानक बहुत खराब हो गई थी। रतन टाटा की दादी ने ही बचपन से उनका ख्याल रखा था। क्योंकि जब रतन छोटे थे, लगभग 10 साल के, तब उनके पिता, नवल टाटा और मां sooni tata का divorce हो गया था। और तबसे उनकी दादी, Navajbhai tata ने ही उन्हें पाला, इसलिए वो अपनी दादी का बहुत आदर सम्मान करते थे।
इसलिए अपनी दादी की खातिर उन्हें भारत वापिस आना पड़ा। अब आने से पहले रतन टाटा ने उन lady से कहा की मैं भारत वापिस जा रहा हूं। कुछ दिनों में तुम भी आ जाना, हम वहीं शादी करेंगे।
तो जब उस lady ने अपने parents से इस बारे में बात की तो उसके parents ने उसे भारत जाने से मना कर दिया क्योंकि उस time में भारत और चीन के बीच में war चल रहा था और वहां जाना dangerous था।
और इसी वजह से उस lady के parents ने उसकी शादी किसी दूसरे आदमी से करवा दी। जब रतन टाटा को ये बात पता चली तो उन्हे बहुत बुरा लगा पर वो तो उस lady को कह चुके थे की तुमसे ही शादी करूंगा। इसलिए रतन टाटा ने आज तक किसी और से शादी नहीं की।
ऐसा एक किस्सा नही है, बल्कि ऐसे कई किस्से हैं जब रतन टाटा जी ने अपने शब्दो का मान रखा और जो कहा वो करके दिखाया।
एक interview में उन्होंने कहा था की “मै अपने मुंह से ऐसे शब्द नही निकलता जिन्हे मैं पूरा न कर सकू।”
2) Give Back to Society
Tata group का market evaluation $320 billion dollar से भी ज्यादा है पर फिर भी रतन टाटा कभी दुनिया के सबसे अमीर लोगो में क्यों शामिल नहीं होते?
ऐसा इसलिए क्योंकि Tata Sons का 66% share own करती है Tata Trusts, जिसके chairman हैं खुद रतन टाटा। Tata trusts एक charitable foundation है और इसका सारा पैसा charity में जाता है। यानि indirectly Tata company का लगभग 66% revenue charity में जाता है।
और यही एक सबसे बड़ा कारण है की इतनी बड़ी कंपनी के chairman होने के बावजूद रतन टाटा की personal net worth बहुत कम है।
लेकिन यही बात है जो उन्हे खास बनाती है, उन्हे दूसरो से अलग बनाती है। दूसरो की तरह वो अपनी जेबे भरने और अमीर बनने पर ध्यान नहीं देते, वो अपने देश को अच्छा बनाने पर, अपने देश को improve करने पर focus करते हैं। और यही वजह की corona के time पर रतन टाटा ने 1500 crore रुपए दान किए थे, cancer patients के लिए उन्होंने 1000 crore रुपए दान किए थे।
और जब 2008 में ताज होटल पर attack हुआ था, जिसमे लगभग 160 से भी ज्यादा लोग मारे गए थे, उसमे भी रतन टाटा ने सभी पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद की थी।
हमारे हिंदू शास्त्रों में भी कहा गया है की एक महान इंसान को दान जरूर करना चाहिए क्योंकि दान करने से कोई गरीब नही होता। बल्कि दान करने वाले का मन अच्छा रहता है और वो जिंदगी भर अच्छे हाल में ही रहता है।
इसलिए कभी भी मौका मिले तो रतन टाटा जी से प्रेरणा लेकर कुछ दान जरूर करें। आज पूरा भारत रतन टाटा की दिल से इज्जत करता है, भले ही वो पैसों के मामले में सबसे अमीर नही पर दिल खोल के बाटने में और सबकी मदद करने में वो सबसे अमीर इंसान हैं।
3) Use emotions as a fuel to work
1998 में Tata motors ने Tata Indica नाम की car launch की, ये कार ratan tata का dream project थी। पर ये कार market में fail हो गई और बिक नही पाई।
इसी वजह से टाटा के कुछ financial advisors और shareholders ने ratan tata को ये advice दी की वो car production unit को बेच दे।
तो इसी deal को लेकर ratan tata और उनकी team, उस time की सबसे बड़ी car company “Ford” के पास पहुंचे।
Ford ने उनकी deal में दिलचस्पी तो दिखाई पर उस time के ford के CEO, Bill Ford ने Ratan Tata की insult कर दी। Bill ford ने कहा की जब आपको कार के business की knowledge नही है तो आपको इसे शुरू ही नही करना चाहिए था। और हम आपका ये business खरीद कर आप पे एक एहसान कर रहे हैं।
रतन टाटा को ये बात बिलकुल पसंद नहीं आई और वो deal cancel करके भारत वापिस आ गए। अब उन्होंने अपने इस गुस्से को motivation की तरह use किया। और Tata Motors को अगले कुछ सालों में दुनिया की top companies में ला कर खड़ा कर दिया।
हालाकि, 2008 आते आते Ford company की हालत खराब हो चुकी थी। कंपनी दिवालिया होने की कगार पर थी। ऐसे में Ford ने अपने 2 car brands – Jaguar और Land Rover को बेचने की सोची।
टाटा वैसे ही luxury cars के business में entry करना चाह रहा था तो ratan tata ने ford की इन दोनो car companies को खरीद लिया। और जब ऐसा हो रहा था तब bill ford ने रतन टाटा से कहा की “आप हमारी ये companies खरीद कर हमपर एहसान कर रहे हैं”
तो इस तरह अपने emotions को अपना motivation बनाकर, रतन टाटा ने अपने अपमान का बदला ले लिया।
हमे भी अपने गुस्से को motivation की तरह use करना चाहिए, जिससे आप success को achieve कर सको।
क्योंकि किसी महान आदमी ने कहा है
“Your success is the best revenge”
4) Values > Profit
अप्रैल 2012 में रतन टाटा ने ये declare किया था की उन्होंने खुद सालो की मेहनत के बाद company के लिए एक अच्छा दावेदार ढूंढा है जो अब उनकी जगह चेयरमैन के position पर काम करेगा। और वो दावेदार थे, Cyrus Mistry.
2012 में रतन टाटा ने chairman के post से retirement ले ली और cyrus mistry को board का chairman बनाया गया। पर cyrus mistry के chairman बनने के बाद उनके लिए गए फैसले कंपनी के board और रतन टाटा को पसंद नही आ रहे थे।
जैसे non profit businesses को बेच देना, बिना board से सलाह लिए कोई दूसरा business खरीद लेना।
हालांकि रतन टाटा लगातार cyrus की गलतियों को माफ कर रहे थे।
पर उनकी एक गलती ने उनको कंपनी से बाहर निकलवा दिया।
दरअसल हुआ ये था की 2009 में एक japanese company NTT Docomo ने tata teleservices के 26.5% shares, साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए में खरीदे थे और तब tata group ने उनसे ये वादा किया था की वो जब चाहे तब ये shares बेच सकती है, tata खुद उनके share वापिस लेगा और बदले में उनके shares का कम से कम उनका 50% value उन्हे वापिस करेगा।
तो जब 2014 में docomo, टाटा के साथ हुए अपने इस agreement से exit करना चाहती थी तो उसने tata को कहा की आप इन shares के लिए कोई अच्छा buyer ढूंढ लो। पर टाटा को कोई buyer नही मिला। तो docomo ने tata से कहा की जैसा हमारा agreement हुआ था, आप वो shares खरीद लो और बदले में उन shares का 50% value हमे दे दो।
पर तबतक cyrus mistry tata group के chairman बन चुके थे और उन्हें ये रुपए वापिस देना, एक अच्छा financial decision नही लग रहा था, एक profitable decision नही लग रहा था। तो उन्होंने NTT Docomo के पैसे देने से वापिस कर दिया।
Docomo को इस बात से काफी धक्का लगा क्योंकि वो tata पे भरोसा करके उनके साथ इस agreement में आए थे। और जैसा की हम जानते हैं की tata group trust और reputation पर ही चल रहा है, जिसे बनाने में उन्हे 150 साल लगे हैं।
तो docomo ने इस बात से नाराज हो कर, टाटा के खिलाफ international court में legal case file करदिया, धोखाधड़ी का।
और जब ये बात ratan tata को पता चली तो उन्हे बहुत ही बुरा लगा क्योंकि इस case की वजह से market में टाटा की reputation पर एक दाग लगा था।
और Cyrus mistry के इसी फैसले के बाद उन्हें 2016 में tata group के चेयरमैन के position से हटा दिया गया।
रतन टाटा हमेशा से ही values और ethics के हिसाब से काम करते हैं। वो कहते हैं की उनके लिए trust सबसे ज्यादा important है। क्योंकि trust के ऊपर ही पूरा business चलता है। अगर customers आपके product पर trust नही करता तो वो उसे कभी नही खरीदेगा।
इसलिए हमे temporary profit के लिए अपनी values को कभी नही भूलना चाहिए।
5) Believe in yourself
जब रतन टाटा जी ने ford की 2 companies jaguar और land rover को खरीदने का फैसला किया तो बहुत लोगो ने उनका support नहीं किया। लोग कहते थे की एक indian company कैसे luxury cars के business को चला पाएगी।
और जब उन्होंने tetley company, जो की एक चाय की company है, उसको खरीदने का फैसला किया तो लोगो ने उसपर भी सवाल उठाए। पर रतन टाटा को अपने फैसले पर भरोसा था, और उसी भरोसे के दम पर उन्होंने लोगो को गलत भी साबित किया।
Jaguar और land rover आज tata motors के सबसे ज्यादा फायदे के business हैं, इनसे टाटा को बहुत ज्यादा profit होता है।
Tata tea company आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी tea company है।
ये सब ratan tata ने अपने सही decisions के जरिए ही कर दिखाया है।
अब ऐसा नही है की वो गलत decision नही लेते, वो गलत decision लेते हैं, और उनसे सीख के आगे बढ़ जाते हैं।
6) Never Lose your time
एक बार किसी meeting के सिलसिले में रतन टाटा मुंबई से नासिक जा रहे थे, साथ में tata group के दूसरे senior officials भी थे।
तो रास्ते में उनकी गाड़ी का टायर puncture हो गया। तो बाकी सभी लोग पास की टपरी पर चाय पीने लगे, कुछ washroom चले गए।
तभी सबने देखा की रतन टाटा कही नही दिख रहे, वो कहां है?
फिर जब ढूंढा तो देखा की रतन टाटा तो driver की टायर change करने में help कर रहे हैं।
तो बाकी senior लोग उनसे कहने लगे की sir ये आप क्या कर रहे हैं, आप रतन टाटा हैं, ये आपका काम नहीं है, ये इन driver का काम है।
तो रतन टाटा ने कहा की अगर मैं इस driver की मदद करूंगा तो मुझे ये 10 मिनट जल्दी पहुंचा देगा। और मुझे meeting में ज्यादा time मिल जायेगा।
और अगर यहां मैं इसकी मदद नहीं करूंगा तो time बर्बाद होगा और अगर time बर्बाद होगा तो हमारा ही नुकसान होगा।
तो इस कहानी से आप समझ सकते हो की रतन टाटा अपने time की कितनी value करते हैं
अब आते हैं अगली कहानी पे:
7) Simplicity
इतनी बड़ी कंपनी के chairman होने के बावजूद भी रतन टाटा अपनी life में कोई luxurious चीजों का शौक नहीं रखते हैं।
Jaguar और land rover company खरीद चुके हैं पर tata की sedan गाड़ी चलाते हैं।
बहुत ही simple lifestyle follow करते हैं।
अपनी company के employees से घर घर जाके मिलते हैं। उन्हें अपनी किसी भी position और power का कोई अहंकार नहीं है।
इसी से जुड़ा एक किस्सा सुनाता हूं।
एक बार वो किसी seminar में गए हुए थे, तो उन्होंने seminar में लोगो को guide किया, उनको life के lessons दिए। उसके बाद जब seminar khatam हो गया तो लोगो ने सोचा की ratan tata हैं, इतने बड़े आदमी, इनके साथ एक फोटो खिंचवा लेते हैं।
तो सभी लड़के line में खड़े हो गए, उन्होंने 3 row बना ली, सबसे पहले कम height वाले बच्चे जमीन में बैठ गए, उससे थोड़ी ज्यादा height वाले दूसरी row में खड़े हो गए, और लंबे वाले सबसे पीछे वाली row में खड़े हो गए।
और उन्होंने पहली row में ratan tata के लिए कुर्सी डाल दी। तो जब रतन टाटा आए तो उन्होंने कुर्सी हटवा दी। तो सबने सोचा की खड़े होकर फोटो खिंचवाएंगे।
तो रतन टाटा जब आगे खड़े हो गए तो पीछे वाले लड़के फोटो में नही आ रहे थे, क्योंकि रतन टाटा की height लंबी। और जब रतन टाटा आखरी वाले row में जाए तो खुद रतन टाटा छिप जाए।
तो वो आगे वाली row में आकर, लड़को के साथ जमीन में बैठ गए। सब लोग हैरान रह गए की रतन टाटा जमीन में बैठे हुए हैं।
ये वाक़िया उनकी simplicity को बखूबी दर्शाता है। हमेशा सबसे politely बात करते हैं, चाहे वो कितना भी अमीर हो या कितना भी गरीब।
एक successful businessmen होने के साथ साथ, सर रतन टाटा एक अच्छे इंसान भी हैं और शायद इसीलिए उन्हें sir की उपाधि दी गई है।
इसके साथ साथ रतन टाटा को padma vibhusan और padma bhushan से भी सम्मानित किया जा चुका है। हम उम्मीद करते हैं की आने वाले time में उन्हे भारत रत्न भी मिलेगा।
ये थे रतन टाटा की life से कुछ business और personal lessons, जिन्हे आप भी अपनी life में अपना कर, एक सफल और अच्छे इंसान बन सकते हो।